एमबीबीएस सरकारी डॉक्टर कैसे बने? – MBBS Sarkari Doctor Kaise Bane

दोस्तों क्या आप जानते हैं एक सरकारी एमबीबीएस डॉक्टर कैसे बने हैं (How to become MBBS doctor in Hindi) और इसकी भर्ती प्रक्रिया, योग्यता एवं सैलरी कितनी होती है अगर आप नहीं जानते कि एमबीबीएस सरकारी डॉक्टर कैसे बने MBBS Sarkari Doctor Kaise Bane तो कोई बात नहीं। आज इसलिए में हम आपको एक एमबीबीएस सरकारी डॉक्टर की योग्यता भर्ती प्रक्रिया से लेकर एमबीबीएस सरकारी डॉक्टर कैसे बनते हैं के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

अक्सर देखा जाता है कि एक एमबीबीएस डॉक्टर बनने के लिए सही जानकारी नहीं मिलने से अच्छे एजुकेटेड बच्चे जो टैलेंट में अच्छे होते हैं वह भी डॉक्टर नहीं बन पाते हैं जिसका में कारण यही है कि उनको डॉक्टर कैसे बनते हैं की पूरी जानकारी मालूम नहीं होती है। सबको यही लगता है कि डॉक्टर बनने के लिए लाखों रुपए चाहिए तब जाकर डॉक्टर बन सकते है। आपको बता दे कि ऐसा नहीं है इसमें बहुत सारी ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा आप बहुत ही कम से कम पैसे में डॉक्टर बन सकते हैं। आजकल तो शासन हर राज्य में डॉक्टर बनने के लिए फीस भरती है इसलिए आपको ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है राज्य शासन और केंद्र सरकार डॉक्टर बनने के लिए बहुत सारी छात्रवृत्ति योजना चलाती है जो लेख में हम बताने वाले हैं।

चलिए जानते हैं एमबीबीएस सरकारी डॉक्टर कैसे बने इसकी भर्ती प्रक्रिया, योग्यता और सरकारी डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है (Sarkari Doctor Bharti Ki Prakriya, Yogyata, Sallary) आदि के बारे में।

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Table of Contents

सरकारी डॉक्टर कौन होता है Who is a government doctor in Hindi 

सरकारी डॉक्टर वह होता है जो सरकारी रूप से नियुक्त होता है, जैसे कि सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य सेवा या सरकारी संस्थानों में काम करता है। यह डॉक्टर सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोगियों की देखभाल, उपचार और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। इसके अलावा, वह सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं और नीतियों के लिए सलाहकार का भी कार्य कर सकता है और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की उपयोगिता और प्रभावन का मूल्यांकन भी कर सकता है।

एमबीबीएस (MBBS) सरकारी डाॅक्टर कौन होता है Who is MBBS government doctor in Hindi

एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई करने वाला डॉक्टर वह व्यक्ति होता है जिसने मेडिकल कोर्स पूरा किया होता है, जिसमें विभिन्न मेडिकल subjects जैसे कि एनाटॉमी, पीथोलॉजी, फिजियोलॉजी, फार्माकोलॉजी, और सर्जरी सहित अन्य विषयों पर पढ़ाई की जाती है। 

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ये डॉक्टर सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य सेवाओं, या सरकारी संस्थानों में नियुक्त होते हैं ताकि वे रोगियों की देखभाल, उपचार, और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकें। इसके अलावा, वे सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं में भी शामिल हो सकते हैं जो सरकार द्वारा चलाई जाती हैं। उनका काम सार्वजनिक स्वास्थ्य योजनाओं के अनुप्रयोग, स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन, और लोगों के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी सलाह देना भी होता है।

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एमबीबीएस सरकारी डॉक्टर कैसे बने? Sarkari Doctor Kaise Bane 

एमबीबीएस (MBBS) सरकारी डॉक्टर बनने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स का पालन करना होता है:

स्टेप 1: 12वीं कक्षा के बाद NEET की तैयारी

  • साइंस स्ट्रीम से 12वीं कक्षा पास करें।
  • राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा NEET की तैयारी करें और उत्तीर्ण हों।

स्टेप 2: MBBS पाठ्यक्रम में प्रवेश

  • NEET के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्राप्त करें।
  • चुने गए कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए दाखिला हासिल करें।

स्टेप 3: MBBS पाठ्यक्रम का पूरा करें

  • पाँच वर्षीय MBBS पाठ्यक्रम को पूरा करें जिसमें विभिन्न मेडिकल subjects पर पढ़ाई होती है।

स्टेप 4: रोटेशन और ट्रेनिंग

  • चिकित्सा विभागों में ट्रेनिंग और क्लिनिकल रोटेशन करें।

स्टेप 5: मेडिकल प्रैक्टिस का लाइसेंस

  • MBBS पूरा करने के बाद, मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया से मेडिकल प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस प्राप्त करें।

स्टेप 6: सरकारी नौकरी के लिए आवेदन

  • सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य सेवाओं या सरकारी संस्थानों में सरकारी डॉक्टर की नौकरी के लिए आवेदन करें।

इन स्टेप्स का पालन करके, एमबीबीएस सरकारी डॉक्टर बन सकते हैं।

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सरकारी एमबीबीएस डॉक्टर बनने के लिए योग्यता का विवरण

सरकारी एमबीबीएस (MBBS) डॉक्टर बनने के लिए योग्यता की जरूरतें निम्नलिखित होती हैं:

  1. 12वीं कक्षा: साइंस स्ट्रीम (जैसे कि बायोलॉजी, केमिस्ट्री, और फिजिक्स) से 12वीं कक्षा पास करना जरूरी होता है।
  2. NEET परीक्षा: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) में उत्तीर्ण होना आवश्यक होता है। यह परीक्षा भारत में मेडिकल कोलेजों में प्रवेश के लिए अनिवार्य होती है।
  3. MBBS पाठ्यक्रम: एमबीबीएस (MBBS) पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त करने के लिए NEET के माध्यम से मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलना चाहिए।
  4. पाठ्यक्रम पूरा करना: MBBS की पाँच साल की पढ़ाई को सफलतापूर्वक पूरा करना होता है।
  5. लाइसेंस प्राप्त करना: MBBS पूरा करने के बाद, मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया से मेडिकल प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक होता है।

ये योग्यताएं एक व्यक्ति को सरकारी एमबीबीएस डॉक्टर बनाने में मदद करती हैं।

नीट परीक्षा पास करने के बाद की प्रोसेस

NEET परीक्षा पास करने के बाद, यहां कुछ कदम आते हैं जो आपको मेडिकल कोलेज में प्रवेश के लिए प्रक्रिया में आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं:

Counselling Registration: NEET परीक्षा पास करने के बाद, आपको राष्ट्रीय स्तर की या राज्य स्तर की काउंसलिंग (Counselling) के लिए रजिस्ट्रेशन करना होता है। यह आपको मेडिकल कोलेज में प्रवेश के लिए योग्यता का मापदंड स्थापित करता है।

Choice Filling: आपको अपनी पसंदीदा कॉलेज और कोर्स को चुनने के लिए विकल्प देने के लिए समय दिया जाता है।

Seat Allotment: आपको कॉलेज और कोर्स के लिए आपको सीट अलॉट की जाती है, जो आपके NEET स्कोर और कट-ऑफ मानदंडों के आधार पर होती है।

Document Verification: आपको प्रवेश के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सत्यापन के लिए मेडिकल कॉलेज जाना होता है।

Admission: अगर आपको सीट मिल गई है तो आपको कॉलेज में प्रवेश प्राप्त करना होता है।

यही प्रक्रिया NEET परीक्षा पास करने के बाद मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए होती है।

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नीट पास करने के बाद MBBS कोर्स कितने साल में पूरा होता है

नीट पास करने के बाद MBBS कोर्स का पूरा होने का प्रक्रिया निम्नलिखित होता है:

MBBS कोर्स की अवधि: MBBS कोर्स अक्सर 5.5 वर्षों तक का होता है। इसमें चार साल का प्रोफेशनल डिग्री प्रोग्राम (MBBS) शामिल होता है और एक साल की इंटर्नशिप भी होती है।

अध्ययन: पहले चार वर्षों में, छात्रों को विभिन्न मेडिकल सब्जेक्ट्स पर पढ़ाई कराई जाती है जैसे कि अनातोमी, फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी, मेडिसिन, सर्जरी, गाइनेकोलॉजी, पेडियाट्रिक्स, आदि।

इंटर्नशिप: अंतिम एक साल में, छात्रों को इंटर्नशिप के रूप में एक साल की अनुशिक्षण या क्लिनिकल अनुभव प्राप्त होता है, जिसमें वे अस्पतालों या स्वास्थ्य सेवाओं में वास्तविक चिकित्सा कार्यों में शामिल होते हैं।

इस प्रक्रिया के अंत में, छात्र MBBS पास करके चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश प्राप्त करते हैं और उन्हें लाइसेंस प्राप्त करने का अधिकार होता है जिससे वे चिकित्सा प्रैक्टिस कर सकते हैं।

Mbbs करने के बाद कौन सा कोर्स होता है

MBBS को पूरा करने के बाद, छात्रों को विभिन्न विशेषज्ञता क्षेत्र में आगे पढ़ाई करने का विकल्प होता है। वे विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए विभिन्न डिग्री या पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स कर सकते हैं, जैसे:

MD (Doctor of Medicine): यह डिग्री विभिन्न चिकित्सा क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए होती है। इसमें रोग विज्ञान, चिकित्सा, विभाजनिक उपचार आदि में स्नातक स्तर की पढ़ाई की जाती है।

MS (Master of Surgery): यह डिग्री सर्जरी में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए होती है। इसमें शल्य चिकित्सा, उपचार, और अन्य विभिन्न चिकित्सा क्षेत्रों में गहराई से पढ़ाई की जाती है।

DM (Doctorate in Medicine): यह डिग्री सुपर स्पेशलिटी में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए होती है, जैसे कि कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, अन्य चिकित्सा क्षेत्रों में।

MCh (Magister Chirurgiae): यह डिग्री सर्जरी के उच्च स्तर पर विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए होती है। इसमें कॉस्मेटिक सर्जरी, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी, और अन्य विशेष सर्जरी में गहराई से पढ़ाई की जाती है।

इन पोस्टग्रेजुएशन कोर्सों के माध्यम से छात्र अपने चुने गए क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं और उन्हें विशेष रूप से चिकित्सा के उच्च स्तर पर काम करने की क्षमता होती है।

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एक सरकारी एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है

सरकारी एमबीबीएस (MBBS) डॉक्टरों की सैलरी विभिन्न प्रमाणीकरण, स्थान, और सरकारी नियोजनों पर निर्भर करती है। यह क्षेत्र, पद, और अनुभव के आधार पर भी भिन्न हो सकती है।

सामान्यत:

  • भारत में सरकारी डॉक्टरों की आमतौर पर स्थानीय सरकारों या केंद्रीय सरकार की जैसे कि स्थानीय निगमों, अस्पतालों, स्वास्थ्य विभागों में नियुक्ति होती है।
  • नौकरी के स्तर, अनुभव, और पद के अनुसार, सैलरी में विभिन्नता होती है।
  • अक्सर सरकारी डॉक्टरों की सैलरी अधिक होती है जब वे स्थानीय या केंद्रीय सरकारी अस्पतालों में काम करते हैं।

सामान्य रूप से, एक प्रारंभिक स्तर के सरकारी डॉक्टर की सैलरी लागू नियमों के तहत 50,000 से 1,00,000 रुपये प्रति माह तक हो सकती है। इसके साथ ही, अधिक अनुभवी और विशेषज्ञ स्तर के डॉक्टरों की सैलरी भी अधिक हो सकती है।

यह सैलरी संबंधित सरकारी नियमों, क्षेत्र, और पद के अनुसार भिन्न हो सकती है, इसलिए सटीक सैलरी के लिए स्थानीय सरकारी निगमों या अस्पतालों के नियमों की जांच करना बेहतर होता है।

सरकारी डॉक्टर की जीवन शैली क्या होती है

सरकारी डॉक्टरों की जीवन शैली विभिन्न हो सकती है, क्योंकि यह उनके कार्यस्थल, नौकरी के प्रकार और व्यक्तिगत पसंदों पर निर्भर करती है। इसके बावजूद, कुछ आम तत्व हैं जो सरकारी डॉक्टरों की जीवन शैली में समानताएं प्रदान कर सकते हैं:

नौकरी की सुरक्षा: सरकारी डॉक्टरों की नौकरी आमतौर पर अधिक सुरक्षित होती है, जिससे वे अपने करियर में स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं।

काम का समय: अधिकांश अस्पतालों में, सरकारी डॉक्टरों के काम का समय सामान्यतः नियमित होता है, जिससे वे अपने परिवार और सोशल जीवन को संतुलित रूप से संभाल सकते हैं।

व्यावसायिक विकास: सरकारी डॉक्टरों को व्यावसायिक रूप से उन्नति की अच्छी संभावनाएं होती हैं, जैसे कि अन्य अवसरों में प्रमोशन या विशेषज्ञता की प्राप्ति।

सामाजिक सेवा: सरकारी डॉक्टरों की नौकरी सामाजिक सेवा के लिए भी एक माध्यम हो सकती है, जहां वे गरीब और जरूरतमंद लोगों की सेवा करते हैं।

नौकरी का दबाव: कुछ समय पर, सरकारी डॉक्टरों को नौकरी के लिए प्रशासनिक और नैतिक दबाव भी झेलना पड़ सकता है।

ये कुछ आम तत्व हैं जो सरकारी डॉक्टरों की जीवन शैली में समान हो सकते हैं, हालांकि इसमें व्यक्तिगत अनुभव और कार्यस्थल पर भी आधारित होता है।

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सरकारी डॉक्टर की ड्यूटी का टाइम टेबल

सरकारी डॉक्टरों की ड्यूटी का टाइम टेबल उनके काम के स्थान, उनके कार्यस्थल, और संगठन या अस्पताल की नीतियों पर निर्भर करता है। अधिकांश अस्पतालों में, डॉक्टरों की ड्यूटी शिफ्ट्स में होती है और वे नियमित रूप से अपने आवंटित समय के अनुसार काम करते हैं।

कुछ अस्पतालों में डॉक्टरों की ड्यूटी शिफ्ट्स में होती है जैसे कि:

  • मॉर्निंग शिफ्ट: सुबह से दोपहर तक की ड्यूटी।
  • ईवनिंग शिफ्ट: दोपहर से रात की ड्यूटी।
  • नाइट शिफ्ट: रात की ड्यूटी जो सुबह तक होती है।

कुछ अस्पतालों में अलग-अलग विभाजन हो सकता है, जैसे:

  • 8 घंटे की ड्यूटी: यह आमतौर पर सामान्य ड्यूटी की अवधि होती है।
  • 12 घंटे की ड्यूटी: कुछ अस्पतालों में लंबी ड्यूटी के अनुसार डॉक्टरों को अधिक अवधि के लिए काम करना पड़ता है।

यह सब निर्भर करता है कि डॉक्टर अस्पताल के किस विभाग में हैं और उनकी नौकरी की स्थिति पर। डॉक्टरों के बीच अवकाश और अन्य संबंधित नियम भी होते हैं जो उनके कार्यस्थल के नियमों और संगठन की नीतियों पर निर्भर करते हैं।

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समाप्ति –

सरकारी डॉक्टर कैसे बनते हैं लेख में हमने आपको एक सरकारी एमबीबीएस डॉक्टर बनने की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया है जिसमें सरकारी डॉक्टर बनने के लिए सीखने की योग्यता क्या होना चाहिए शारीरिक योग्यता क्या होना चाहिए सरकारी डॉक्टर बनने के लिए कौन सा एग्जाम देना होता है जिससे आपको कम से कम पैसों में डॉक्टर की डिग्री हो जाए।

सरकारी डॉक्टर को कितनी सैलरी मिलती है और सरकारी डॉक्टर को क्या नौकरी करना पड़ता है एवं जीवन शैली क्या होती है शादी के बारे में उक्त लेख में हम आपको अच्छे से समझाया है। अगर आपके मन में सरकारी डॉक्टर कैसे बने से संबंधित कोई प्रश्न हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं हम आपको संतोषजनक जवाब देने की कोशिश करेंगे।

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