इंटरनेट पर निबंध Essay on Internet in Hindi

आज आपको ‘इंटरनेट पर निबंध Essay on Internet in Hindi’ लिखकर बताने वाले हैं ताकि आप भी परिक्षाओं में पूंछे जाने वाले Internet Par Nibndh को अच्छे से लिख पाओ। यह निबंध कक्षा 4/5/6/7/8/9/10/11/12 के लिए 100, 200, 300, 400, 500, 600, 700, 800, 900, 1000 शब्दों (Words) में लिखा गया है। साथ ही Internet पर निबंध को आप यहां से PDF Download भी कर सकते हो। निबंध में इंटरनेट के बारे में जानकारी में इंटरनेट की शुरूआत कब हुई, इंटरनेट के दुष्परिणाम एवं उपयोगिता क्या है के बारे में भी बताया गया है। चलिए जानते हैं Internet Par Nibndh PDF Download in Hindi।

Table of Contents

इंटरनेट पर निबंध Essay On Internet in Hindi – Internet Par Nibndh

प्रस्तावना :-

विश्व के उद्गम के साथ ही संचार व संचार माध्यमों ने भी जन्म लिया। संचार केवल मनुष्यों के बीच ही नहीं बल्कि हर प्राणी के बीच होता है। समय के साथ साथ इन संचार माध्यमों में भी कई बदलाव आये हैं। मानवों में मुख्यतः 

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संचार के तीन प्रकार हैं :- लिखित, मौखिक व सांकेतिक। 

भाषा के उद्गम से पूर्व सांकेतिक व इसके उद्गम के बाद लिखित व मौखिक माध्यम से संचार प्रारंभ हुआ। आज के समय में भी हम अपने विचारों, भावों आदि के संचार के लिए इन्हीं तीन प्रकारों का प्रयोग करते हैं। परंतु समय के साथ साथ संचार के तरीकों में भी काफी बदलाव आया है। पहले संचार के लिए चिठ्ठियो का प्रयोग किया जाता था उससे पहले ढोल आदि के संकेत देकर संवाद स्थापित करने का प्रयास किया जाता था। परंतु आज के समय में कई ऐसी उन्नत विधियाँ आ चुकी हैं जिनके माध्यम से बिना किसी कठिनाई के व कम से कम समय में संचार संभव है। 

आधुनिक संचार माध्यम/ Internet :-

‘Internet’ यह एक ऐसा शब्द है जिससे विश्व के लगभग सभी लोग अवगत हैं। इसका पुरा नाम interconnected network है।इसे Computer को अंतर-संजाल, अंतर-ताना, या अंतर जाल भी कहा जाता है। इसने आज सभी के दिलों में, व जिंदगी में एक अहम स्थान बना लिया है। जिसको चाह कर भी हटा पाना संभव नहीं है। Internet संचार का ऐसा माध्यम है जिसमें लिखित व मौखिक दोनों तरह से संचार संभव है। Internet SMS के रूप में लिखित संचार की सुविधा प्रदान करता है जिसे आम बोलचाल की भाषा में चैटिंग भी कहते हैं। साथ ही यह कौलिंग सुविधा भी देता है जिससे मौखिक रूप से संचार संभव है। 

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Internet की विशेषताएँ :- Internet की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं : 

1  यह कम समय में विचारों का आदान प्रदान करता है। 

2  इसमें लिखित व मौखिक दोनों रूप से संचार संभव है। 

3  यह जन संचार का भी एक अच्छा माध्यम है। 

4  इसने संपूर्ण विश्व को एक जाल की तरह जोड़ दिया है। 

5  विश्व के एक छोर से दूसरे छोर पर संपर्क करने की सुविधा Internet ने प्रदान की है।

6  Internet पर कोई भी जानकारी आसानी से कम समय में मिल जाती है। 

7  Internet एक पुस्तकालय भी है यहाँ किसी भी विषय से संबंधित कोई भी जानकारी आसानी से मिल जाती है। 

8  आजकल Internet के माध्यम से कमाई भी संभव है। 

9  यह मनोरंजन का एक बहुत अच्छा साधन है। 

Internet का उद्गम या Internet का आविष्कार :- 

Internet का आविष्कार सन् 1969 में डीओडी यानी डिपार्टमेंट ऑफ डिफ़ेंस के द्वारा किया गया था। इसकी संरचना अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा यूसीएलए तथा स्टैनफोर्ड अनुसंधान संस्थान के Computer्स की नेटवर्किंग करके की गयी थी इसके जनक ‘टिम बर्नर्स ली’ हैं। दुनिया का पहला Internet नेटवर्क ARPANET माना जाता है। इसका पूरा नाम Advanced Research Project Agency Network है। 

भारत में Internet की शुरुआत :- 

भारत में Internet सेवाएं 15 अगस्त 1995 में विदेश संचार निगम लिमिटेड द्वारा शुरू किये गए थे। नवंबर 1998 में भारत सरकार ने निजी ऑपरेटरों द्वारा Internet सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु एक क्षेत्र खोला जिसके बाद Internet की पहुँच बढ़ने लगी। 

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आज के समय में Internet का लाभ/ उपयोग :- 

आज के समय में Internet का महत्व बहुत बढ़ गया है। रोटी, कपड़ा, मकान के बाद यदि कोई चीज़ है जो हर व्यक्ति की जरूरत हो तो वह है Internet। Internet के कई उपयोग हैं। इसने न सिर्फ जनमानस के जीवन को आसान बनाया है बल्कि विश्व को एक सूत्र में बांधने का काम भी किया है। 

संचार सुविधा :-  

Internet बेहतर का सबसे अच्छा व सरल माध्यम है। इसके माध्यम से विश्व के किसी भी स्थान पर जहाँ Internet सेवा उपलब्ध हो, संपर्क करना संभव हो गया है। यह एक अच्छी व जल्दी से जल्दी कार्य करने वाली सेवा है। जिससे लिखित, मौखिक, दृश्य तीन प्रकार से संचार संभव है। 

जानकारी का श्रोत :- 

आजकल Internet जानकारी का प्रमुख श्रोत बन चुका है। विश्वभर मकी सभी जानकारियां यहां उपलब्ध हैं। सटीक व सही जानकारी उपलब्ध कराने के साथ साथ Internet उस विषय से जुड़ी अन्य जानकारियां भी प्रदान करता है। 

अध्ययन का श्रोत :- 

Internet Online अध्ययन का एक प्रमुख श्रोत है। किसी भी विषय है की किसी भी परीक्षा की पढाई के लिए उच्च कोटि के शिक्षक व पठन-पाठन सामग्री Internet पर उपलब्ध है। साथ ही इसके माध्यम से कोई भी किताब Online रूप में उपलब्ध हो जाती है। 

मनोरंजन का श्रोत :-  

Internet मनोरंजन का एक प्रमुख श्रोत है। आज रेडियो और टेलीविजन का स्थान भी Internet ने ले लिया है। मनोरंजन के लिए इसमें कई प्रकार के खेल उपलब्ध हैं, कोई भी पिक्चर हो, नाटक आदि हो या वीडियो हो सभी प्रकार के मनोरंजन के साधन  उपलब्ध हैं। 

स्थानो की खोज :-  

Internet पर सभी स्थानों का मानचित्र उपलब्ध रहता है। किसी भी स्थान का पता न होने पर चंद सेकंड में Internet से स्थान का पता लगाया जा सकता है। 

लोगों से जुड़ाव :- 

Internet दूर रह रहे लोगों से जुड़े रहने में सहायता प्रदान करता है। पहले लोगों को दूर रहने वाले संबंधिओं आदि से दूरियाँ झेलनी पड़ती थी परंतु Internet ने इन दूरियों का अंत कर दिया है। 

Online बाजार :- 

समय के साथ बाजारों का अर्थ भी बदल गया है। आजकल लोग घर बैठे Online माध्यम से भी खरीददारी कर सकते हैं, और इसका पूरा श्रेय Internet को ही जाता है। 

कमाई का साधन :- 

आज के समय में Internet कमाई का एक बहुत अच्छा साधन बन चुका है। Internet के माध्यम से लोग ऑफलाइन कार्यों को ढूँढने मे तो सक्षम हैं ही साथ ही यह Online कार्यों की सुविधा भी प्रदान करता है। आजकल कई ऐसे ऐप्लिलिकेशन्स आ गए हैं जिनके माध्यम से कमाई करना काफी आसान हो गया है। 

समस्याओं का समाधान :-  

Internet के माध्यम से कई जटिल समस्याओं का समाधान करना आसान हो गया है। यह विद्यालय के काम में सहायता करने से लेकर जिंदगी में आने वाली समस्याओं के समाधान में सहायता करता है। 

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Internet के दोष या दुष्प्रभाव :-  

हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। मूल्यांकन करने के लिया हम इन पहलुओं को अच्छा या बुरा का आयाम दे देते हैं। Internet ने जिस प्रकार अपने गुणों से जनमानस के दिलों को जीता है उसी प्रकार से उसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं। 

कनेक्शन की समस्या :-  

Internet की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसकी कनेक्टिविटी के लिए जगह जगह पर पोल , टॉवर आदि लगाए जाते हैं, परंतु जिन स्थानों पर यह संभव नहीं हो पाता वहाँ पर Internet नहीं पहुँच पाता। यदि Internet कनेक्शन न हो या फिर आवश्यकता से कम हो तो इसकी गति अवरुद्ध हो जाती है। 

समय की बर्बादी :-  

Internet पर लोग अधिकतर समय की बर्बादी करते हैं। अपने कार्यो को छोड़कर मोबाइल, Computer आदि में लगे रहते हैं जिससे उनका समय बर्बादी होता है। 

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव :- 

Internet के आने से लोग मोबाइल Computer आदि के साथ अपना अधिकतर समय बिताते हैं। जिससे कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसका अधिकतर प्रभाव आजकल बच्चों पर पड़ने लगा है। गेम आदि के चक्कर में वह अपने मोबाइल, Computer आदि को छोड़ते नहीं हैं व जबरन उनसे दूर करने पर वह गुस्सा हो जाते हैं या चिड़चिड़े हो जाते हैं।मानसिक रूप से यह उपकरण उन्हें ऐसे प्रभावित करते हैं की कई बार वह सही गलत की समझ ही खो बैठते हैं। 

स्कैम – फ़्राड :-  

स्कैम व फ़्राड Internet पर होने वाली कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हैं जिन्हें हम साइबर क्राइम के नाम से भी जानते हैं। इसमें लोग अन्य लोगों को झूठे दावे देकर या अपने झांसे में लेकर उनसे पैसे आदि लेते हैं या कई बार लोगों की निजी जानकारी लेकर उनके खाते से ही सीधे पैसा ले लिया जाता है। 

Internet एक अभिशाप :-  

Internet पर कोई भी चीज तेजी से फैल जाती है। जिसे हम वाइरल होना भी कहते हैं। कई बार लोग गलत चीज़े फैलाकर अभद्रता भी फैलाते हैं या कई बार किसी की बदनामी का कारण बनते हैं इसलिये Internet कई बार एक अभिशाप भी हो सकता है। 

सुधार :-  

टेक्नोलॉजी के अनुसार देखा जाए तो Internet पर सुधार होता रहता है, परंतु Internet के दोषों को सुधारने की भी जरूरत है। जो कि निम्न पप्रकार से संभव है : 

Internet की कनेक्टिविटी को सुधारकर :-  

दुर्गम स्थानों पर कई जंगलो आदि वाली रास्तों में अक्सर यह देखने को मिलता है इसके निवारण के लिए Internet के टॉवर आदि ऐसे स्थान पर लगने चाहिए जहाँ से अधिकतर स्थानों तक इसे पहुँचाया जा सके। 

सीमित उपयोग :-  

समय एक बहुत ही मूल्यवान वस्तु है। एक बार चले जाने पर यह दुबारा नही मिलती इसलिए कहते हैं कि समय को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए, इसलिए अपने  Internet के उपयोग पर एक सीमा लगा देनी चाहिए, जिससे कि समय की बर्बादी न हो सके। 

खुद पर हावी ना होने देना :-  

यदि हम अधिक समय तक Internet का प्रयोग करते हैं तो शरीरिक व मानसिक स्वस्थ्य पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। इसलिए सीमित मात्रा में इसका उपयोग करना चाहिए। लंबे समय तक इसका प्रयोग करने पर बीच में रुकते रहना चाहिए। काम हो जाने पर कुछ वक्त प्राकृति के साथ बिताना चाहिए। यह शरीर को आलसी व नीरस बनाता है व नींद को कम कर देता है इसलिए कसरत करनी चाहिए व समय पर सोना व उठना चाहिए। 

ज्ञान अर्जित करना :-  

Internet उपयोग करने के साथ ही हमे उसके विषय में ज्ञान होना चाहिए क्या चीज सही है क्या गलत है इसकी जानकारी होना आवश्यक है। स्कैम व फ्राड आदि से बचना चाहिए तथा अपनी निजी जानकारी किसी के साथ साझा नही करनी चाहिए। 

जिम्मेदार बनना :-  

समाज में लाज, शर्म, लज्जा, इज़्ज़त जैसे शब्द भी निवास करते हैं और हमारे भारतीय समाज में तो इनका अलग ही महत्व है। इसके लीए समाज कई पैमाने भी तय करता है। इसलिए Internet पर किसी ऐसी चीज को साझा नही करना चाहिए जो किसी के चरित्र आदि पर प्रश्न या किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाये। 

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उपसंहार :-  

Internet आज जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। इसे दूर तो नहीं किया जा सकता परंतु इसमें  संभव सभी सुधारों को भली भाँति व्यवहार में लाकर हम इसके दोषों को दूर कर सकते हैं, जो चंद मिनटों में किसी की पहचान बना भी सकता है व बिगाड़ भी सकता है इसलिए इसका सावधानीपूर्वक समझदारी से उपयोग करना चाहिए।

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