BS4 और BS6 Engine में अंतर -Difference between BS4 and BS6 Engine in Hindi

नमस्कार दोस्तों। क्या आप जानते हैं ‘बीएस4 और बीएस6 Engine में अंतर – (Difference between BS4 and BS6 Engine in Hindi)’ क्या है अगर आप नही जानते कि BS4 Aur BS6 Engine Me Antar तो कोई बात नहीं आज हम आपको BS4 और BS6 Engine में अंतर क्या है के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाले हैं।

दोस्तों टेक्नोलॉजी के इस दुनिया में रोज नए-नए गैजेट्स या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज आते रहते हैं। जिनको अपडेट करके एक नया वर्जन बना दिया जाता है। बात करते हैं गाड़ियों में लगे इंजन के बारे में इस फील्ड में भी नई टेक्नोलॉजी के इंजन का नया वर्जन आता रहता है। किसी भी नए वर्जन को लाने से पहले या सुनिश्चित किया जाता है कि उससे किसी चीज का हानि या नुकसान ना हो। दोस्तों आजकल सभी जागरूक हो गए हैं वह जब किसी भी vehicles या electronic चीज को खरीदने से पहले उनके Efficiency की ओर ज्यादा ध्यान देते हैं।

आज के इस टॉपिक में हम बात करने जा रहे हैं गाड़ियों में लगे इंजन के बारे में आपने तो BS4 Engine के बारे में सुना ही होगा। यह इंजन 2020 तक काफी चर्चा में था लेकिन इससे उत्पन्न कुछ परेशानियों के कारण इसको अपडेट करके एक नया इंजन तैयार किया गया जिसका नाम BS6 Engine है। आज हम इन दोनों इंजन के बीच के अंतर के बारे में बात करेंगे। इन दोनों के बीच अंतर जानने से पहले हम बात कर लेते हैं BS बारे में।

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Table of Contents

BS का मतलब क्या होता है?

BS का मतलब Bharat Stage है, जो वाहनों से उत्सर्जन (Emission) को रेगुलेट या कंट्रोल करने के लिए भारत सरकार द्वारा लागू Emission Standards का एक सेट है।

जिस तरह किसी भी वाहनों के स्पीड को मापने के लिए उसमें स्पीडोमीटर दिया होता है ठीक उसी तरह वाहनों से उत्पन्न एमिशन (उत्सर्जित गैस) को मापने के लिए एमिशन स्टैंडर्ड बने होते है।

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ये मानक Europe में Euro emission standards के बराबर है और इनका उद्देश्य वाहनों द्वारा एटमॉस्फियर में छोड़े गए हार्मफुल पॉलिटेंट्स को कम करना है। भारत स्टेज उत्सर्जन मानकों को पहली बार साल 2000 में पेश किया गया था और इसे और अधिक सख्त बनाने के लिए समय समय पर अपडेट्स किया जाता रहा है।

BS Standard Carbon Monoxide(CO) Nitrogen Oxide(NO2), Hydrocarbon और वाहनों द्वारा उत्सर्जित होने वाले Particulate Matter (धुएं,कालिख,मिट्टी आदि) जैसे विभिन्न pollutants के अधिकतम permissible level को दर्शाते हैं। BS step जितना अधिक होगा, emission standard उतने ही अधिक कठोर हो जायेंगे। वर्तमान BS6 उत्सर्जन मानकों को पहले के BS4 Standard की जगह,अप्रैल 2020 में देश भर में लागू किया गया था।

BS6 emission standards को पूरा करने के लिए वाहन बनाने वाली कंपनीज को अपने Engine और Exhaust सिस्टम में विभिन्न तकनीकों को लागू करना होगा। इनमें एडवांस्ड फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम, एग्जॉस्ट गैस रीसर्क्युलेशन सिस्टम, सेलेक्टिव कैटेलिटिक रिडक्शन सिस्टम और ऑन-बोर्ड डायग्नोस्टिक्स सिस्टम शामिल हैं। इसका उद्देश्य एटमॉस्फियर में छोड़े गए harmful pollutants की मात्रा को कम करना और Air Quality में सुधार करना है।

मोटर वाहनों सहित Internal Combustion Engine Devices से air pollutants के उत्पादन को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा Bharat Stage उत्सर्जन मानक स्थापित किए गए हैं। इन मानदंडों का उद्देश्य Automobiles निकास से Sulphur और Nitrogen Oxide को कम करना और स्वच्छ फ्यूल का उत्पादन करना है।

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BS4 Engine क्या होता है?

BS4 का मतलब Bharat Stage 4 है, जो वाहनों के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित emission standards का एक सेट है। ये मानक किसी वाहन द्वारा वायुमंडल में उत्पन्न होने वाले pollutants की मात्रा को कंट्रोल करते हैं।  BS4 इंजन एक इंटरनल कंबस्शन इंजन है जो BS4 मानकों को पूरा करता है। इसे CO,NO2 और पार्टिकुलेट मैटर जैसे हार्मफुल pollutant के low level का emission करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

BS4 इंजन में कई विशेषताएं हैं जो इसे emission standards को पूरा करने में मदद करती हैं। इनमें एडवांस्ड फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम, एग्जॉस्ट गैस रीसर्क्युलेशन (EGR) सिस्टम और कैटेलिटिक कन्वर्टर्स शामिल हैं। 

  • इसमें एडवांस्ड फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम यह सुनिश्चित करती है कि Fuel efficiently जलाया जाए जिससे वायुमंडल में छोड़े जाने वाले बिना जले Fuel की मात्रा कम हो जाती है।
  • EGR सिस्टम Exhaust Gases के एक हिस्से को वापस इंजन में प्रसारित करती है जिससे निकलने वाले नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा कम हो जाती है। 
  • Catalytic Converter नाम से ही कनवर्टर है जोकि हानिकारक प्रदूषकों को वायुमंडल में छोड़े जाने से पहले कम हानिकारक गैसों में कन्वर्ट करता है।

BS4 इंजन Emission के मामले में पिछले BS3 इंजन से बेहतर है। यह low level के प्रदूषक उत्सर्जित करता है और एनवायरनमेंट के लिए अधिक अनुकूल है। हालाँकि यह अभी भी नए BS6 इंजन जितना साफ नहीं है, जिसमें और भी हाई लेवल का emission standards मौजूद हैं। इंडियन गवर्नमेंट द्वारा यह अनिवार्य हो गया है कि 1 अप्रैल 2020 से इंडिया में बेचे जाने वाले सभी नए वाहनों को BS6 emission standards को पूरा करना होगा। और अभी के समय में जितने भी नए वाहन आ रहे है उन सभी में BS6 Engine देखने को मिलेगा।

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BS6 Engine क्या होता है?

BS6 इंजन इंडियन गवर्नमेंट द्वारा वाहनों के लिए निर्धारित Emission Standards का लेटेस्ट सेट है। इसे एक वाहन द्वारा एटमॉस्फियर में उत्सर्जित होने वाले प्रदूषकों की मात्रा को कंट्रोल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह पिछले BS4 इंजन की तुलना में एक अपडेट है। BS6 इंजन को Bharat Stage 6 के नाम से भी जाना जाता है।

बीएस6 इंजन में कई विशेषताएं हैं जो इसे emission standards को पूरा करने में सहायता करती हैं। इसमें भी BS4 की तरह Advanced Fuel Injection System, Exhaust Gases Recirculation (EGR) System और Selective Catalytic Reduction (SCR) System शामिल हैं।  

  • एडवांस्ड फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम यह सुनिश्चित करती है कि फ्यूल कुशलतापूर्वक जलाया जाए, जिससे वायुमंडल में छोड़े जाने वाले बिना जले फ्यूल की मात्रा BS4 की अपेक्षा अधिक कम हो जाती है। 
  • EGR सिस्टम Exhaust गैसों के एक हिस्से को वापस इंजन में प्रसारित करती है, जिससे निकलने वाले NO2 की मात्रा BS4 के अपेक्षा अधिक कम हो जाती है। 
  • सेलेक्टिव कैटेलिटिक रिडक्शन जोकि एक अलग तरह का कैटेलिटिक कन्वर्टर होता है और BS4 की तुलना में ये अधिक सक्षम होता है।

Emission के मामले में BS6 इंजन पिछले BS4 इंजन की तुलना में एक बेहतरीन अपडेट है। यह प्रदूषकों के बहुत low level का उत्सर्जन करता है और अधिक पर्यावरण के अनुकूल है।  इस कदम से भारत में Air Pollution में अद्भुत कमी आने और पब्लिक के स्वास्थ्य में सुधार होने की उम्मीद है।

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BS4 और BS6 Engine मे क्या अंतर होता है?

उत्सर्जन के मामले में BS6 इंजन BS4 इंजन की तुलना में एक महत्वपूर्ण सुधार है। दोनों के बीच मुख्य अंतर दिए गए टेबल से समझ सकते है –

    BS4 Engine       BS6 Engine 
उत्सर्जन मानकों : BS4 इंजन को भारत स्टेज 4 उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। जो पर्यावरण में एक निश्चित स्तर के प्रदूषकों को जारी करने की अनुमति देता है। 
पार्टिकुलेट मैटर, नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन को BS4 ज्यादा मात्रा में उत्पन्न करता है।
जबकि BS6 इंजन को भारत स्टेज 6 उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जिसके लिए जारी प्रदूषकों की मात्रा में महत्वपूर्ण कमी की आवश्यकता होती है।
वही दूसरी तरफ BS6 Engine बहुत कम मात्रा में पार्टिकुलट मैटर,NO2,CO और हाइड्रोकार्बन को उत्सर्जित करता है।
फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम: यह सिस्टम BS4 इंजन में मौजूद है जो फ्यूल को कम मात्रा मे जलाती है जिससे वायुमंडल में छोड़े जाने वाले बिना जले फ्यूल की मात्रा अधिक हो जाती है। इससे air pollutants ज्यादा निकलना का खतरा होता है।



यह सिस्टम BS6 इंजन अधिक fuel efficient हैं। इसमें फ्यूल अच्छे से जलता है,ऐसा इसलिए है क्योंकि वे Burning Efficiency में सुधार और फ्यूल की खपत को कम करने के लिए एडवांस्ड तकनीक जैसे डायरेक्ट इंजेक्शन, टर्बोचार्जिंग और वेरिएबल वाल्व टाइमिंग का उपयोग करते हैं।
एग्जॉस्ट गैस रीसर्क्युलेशन (EGR) सिस्टम : BS4 इंजन एक Low Pressure वाले EGR सिस्टम का उपयोग करता है जो थोड़ी मात्रा में एग्जास्ट गैसों को इंजन के इनटेक मैनिफोल्ड में वापस भेजता है। इससे NOx उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलती है, लेकिन इससे पार्टिकुलेट मैटर उत्सर्जन में वृद्धि हो सकती है और Fuel efficiency कम हो सकती है।BS6 इंजन एक High Pressure वाले EGR सिस्टम का उपयोग करता है जो बड़ी मात्रा में एग्जास्ट गैसों को इंजन के combustion chamber में वापस भेजता है। यह NOx उत्सर्जन को और भी कम करने में मदद करता है, जबकि PM उत्सर्जन को भी कम करता है और fuel efficiency में अधिक सुधार करता है।
BS4 इंजन NOx उत्सर्जन को कम करने के लिए लीन NOx ट्रैप (LNT) सिस्टम का उपयोग करता है।BS 6 इंजन में SCR System है जो हानिकारक नाइट्रोजन ऑक्साइड को वायुमंडल में जारी होने से पहले कम हानिकारक गैसों में कन्वर्ट करने के लिए Catalyst का उपयोग करती है।
BS4 इंजन में ऑन-बोर्ड डायग्नोस्टिक्स (OBD I) सिस्टम होता है। BS6 इंजन में OBD II सिस्टम यूज होता है जोकि एक एडवांस्ड सिस्टम है जो इंजन या उत्सर्जन कंट्रोल सिस्टम के साथ किसी भी समस्या की निगरानी और पता लगाता है।
BS4 इंजन की लागत कम होती है।BS6 इंजन की लागत अधिक होती है। कम उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए उपयोग की जाने वाली एडवांस्ड तकनीक के कारण BS 6 इंजन कॉस्टली होता है।
BS4 इंजन हमारे पर्यावरण को दूषित करता है।BS6 इंजन हमारे पर्यावरण को शुद्ध करता।
इनमे पुरानी टेक्नोलॉजी की वजह से BS4 इंजन की efficiency कम होती है। इनमे हाई टेक्नोलॉजी की वजह से BS6 इंजन की efficiency अधिक होती है। जिससे उसकी लाइफटाइम बढ़ जाती है।
BS4 इंजन अधिक शोर और कंपन पैदा करता है,जिससे ड्राइविंग का अनुभव खराब होता है।BS6 कम शोर और कंपन पैदा करते हैं, जिससे ड्राइविंग का अनुभव बेहतर होता है।
BS4 इंजन वाले वाहनों के कुछ उदाहरणों में मारुति सुजुकी ऑल्टो, हुंडई ग्रैंड आई10,होंडा सिटी, महिंद्रा स्कॉर्पियो, टाटा टियागो शामिल हैं।  और रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350 भी शामिल है। हालांकि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत में अप्रैल 2020 से BS4 इंजन वाले नए वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।अप्रैल 2020 के बाद से भारत में लॉन्च हुए ज्यादातर नए वाहनों में BS6 इंजन हैं। कुछ उदाहरणों में मारुति सुजुकी स्विफ्ट, हुंडई क्रेटा, होंडा सिविक, महिंद्रा एक्सयूवी300, टाटा नेक्सॉन और रॉयल एनफील्ड उल्का 350 आदि शामिल हैं।

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BS4 इंजन की तुलना में BS6 इंजन के फायदे क्या है?

  • कम उत्सर्जन : BS4 इंजन की तुलना में BS6 इंजन का मुख्य लाभ यह है कि यह CO, NO2,हाइड्रोकार्बन और पार्टिकुलेट मैटर जैसे हानिकारक प्रदूषकों के काफी low level का उत्सर्जन करता है। इससे वायु की क्वालिटी बेहतर हुई और स्वास्थ्य परिणाम बेहतर हुए।
  • बेहतर फ्यूल एफिसेंसी : BS6 इंजन को उनके BS4 काउंटरपर्ट्स की तुलना में अधिक fuel efficient बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका मतलब यह है कि वे प्रति Km की यात्रा में कम फ्यूल की खपत करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वाहन मालिकों के लिए running cost कम होती है।
  • बेहतर प्रदर्शन : बेहतर इंजन मैनेजमेंट सिस्टम और अधिक सटीक फ्यूल इंजेक्शन के साथ BS6 इंजन आमतौर पर अपने BS4 समकक्षों की तुलना में अधिक एडवांस्ड होते हैं। इसके परिणामस्वरूप पूरी तरह से बेहतर acceleration और बेहतर प्रदर्शन हो सकता है।
  • लंबा जीवनकाल : BS6 इंजनों को उनके BS4 समकक्षों की तुलना में अधिक टिकाऊ और लंबे समय तक चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है।  इसका मतलब है कि उन्हें कम मैटेनेंस की आवश्यकता होती है और उनका लाइफटाइम लंबा होता है जिसके परिणामस्वरूप समय के साथ ownership cost कम हो जाती है।
  • नियमों का अनुपालन : BS6 emission standards के एक्जिक्यूशन के साथ, वाहन बनाने वाली कंपनियों को ऐसे वाहनों का उत्पादन करना आवश्यक है जो इन मानकों को पूरा करते हों। इससे यह सुनिश्चित होता है कि सड़क पर वाहन environment के लिए कम हानिकारक हैं और सरकारी नियमों का अनुपालन करते हैं।

BS4 इंजन पर BS6 इंजन का प्रभाव विस्तार से

BS6 इंजन को BS4 इंजन की तुलना में काफी low level के प्रदूषक उत्सर्जित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 

  • कम उत्सर्जन : जैसा की BS6 इंजन BS4 इंजन की तुलना में NO2, पार्टिकुलेट मैटर और हाइड्रोकार्ब जैसे Pollutants के कम मात्रा को उत्पन्न करता है। दरअसल BS6 इंजन BS4 इंजन की तुलना में 80% तक कम NO2 उत्सर्जित करता है।
  • बेहतर फ्यूल एफिशिएंट : अपनी बेहतर combustion technology के कारण BS6 इंजन BS4 इंजन की तुलना में अधिक Fuel Efficient है। इसका मतलब यह है कि BS6 इंजन वाले वाहनों को BS4 इंजन वाले वाहनों की तरह ही दूरी तय करने के लिए कम fuel की आवश्यकता होगी।
  • बेहतर इंजन प्रदर्शन : BS6 इंजन में अधिक एडवांस्ड मैनेजमेंट सिस्टम है जो इसे BS4 इंजन की तुलना में बेहतर प्रदर्शन देने की अनुमति देती है।  
  • अधिक लागत : अपनी एडवांस्ड तकनीक और कठोर emission norms के कारण BS 6 इंजन का निर्माण BS 4 इंजन की तुलना में अधिक महंगा है। इसका मतलब है कि BS6 इंजन वाले वाहन BS4 इंजन वाले वाहनों की तुलना में अधिक महंगे होने की संभावना है।
  • सीमित उपलब्धता : BS6 इंजन भारत में अप्रैल 2020 में पेश किया गया था, और सभी वाहन निर्माताओं ने अभी तक नए मानक में बदलाव नहीं किया है। इसका मतलब है कि देश के कुछ हिस्सों में BS6 इंजन वाले वाहनों की सीमित उपलब्धता हो सकती है। बाजार में नए BS4 वाहन ढूंढना मुश्किल हो सकता है।
  • टेक्नोलॉजी: BS6 इंजन उत्सर्जन को कम करने के लिए Selective Catalytic Reduction (SCR), डीजल पार्टिकुलेट फिल्टर (DPF) और गैसोलीन पार्टिकुलेट फिल्टर (GPF) जैसी एडवांस्ड तकनीक का उपयोग करते हैं। इन टेक्नोलॉजी का उपयोग BS4 इंजन में नहीं किया गया था।

कौन सा इंजन सबसे अच्छा BS4 या BS6 है?

कम उत्सर्जन : BS4 इंजन की तुलना में BS6 इंजन का मुख्य लाभ यह है कि यह CO, NO2,हाइड्रोकार्बन और पार्टिकुलेट मैटर जैसे हानिकारक प्रदूषकों के काफी low level का उत्सर्जन करता है। इससे वायु की क्वालिटी बेहतर हुई और स्वास्थ्य परिणाम बेहतर हुए।
बेहतर फ्यूल एफिसेंसी : BS6 इंजन को उनके BS4 काउंटरपर्ट्स की तुलना में अधिक fuel efficient बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका मतलब यह है कि वे प्रति Km की यात्रा में कम फ्यूल की खपत करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वाहन मालिकों के लिए running cost कम होती है।
बेहतर प्रदर्शन : बेहतर इंजन मैनेजमेंट सिस्टम और अधिक सटीक फ्यूल इंजेक्शन के साथ BS6 इंजन आमतौर पर अपने BS4 समकक्षों की तुलना में अधिक एडवांस्ड होते हैं। इसके परिणामस्वरूप पूरी तरह से बेहतर acceleration और बेहतर प्रदर्शन हो सकता है।
लंबा जीवनकाल : BS6 इंजनों को उनके BS4 समकक्षों की तुलना में अधिक टिकाऊ और लंबे समय तक चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है।  इसका मतलब है कि उन्हें कम मैटेनेंस की आवश्यकता होती है और उनका लाइफटाइम लंबा होता है जिसके परिणामस्वरूप समय के साथ ownership cost कम हो जाती है।
नियमों का अनुपालन : BS6 emission standards के एक्जिक्यूशन के साथ, वाहन बनाने वाली कंपनियों को ऐसे वाहनों का उत्पादन करना आवश्यक है जो इन मानकों को पूरा करते हों। इससे यह सुनिश्चित होता है कि सड़क पर वाहन environment के लिए कम हानिकारक हैं और सरकारी नियमों का अनुपालन करते हैं।

BS6 का फायदा क्या है?

BS6 इंजन इंडियन गवर्नमेंट द्वारा वाहनों के लिए निर्धारित Emission Standards का लेटेस्ट सेट है। इसे एक वाहन द्वारा एटमॉस्फियर में उत्सर्जित होने वाले प्रदूषकों की मात्रा को कंट्रोल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह पिछले BS4 इंजन की तुलना में एक अपडेट है। BS6 इंजन को Bharat Stage 6 के नाम से भी जाना जाता है।

निष्कर्ष –

आशा करते है आपको यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा और इस आर्टिकल के जरिए आपने BS इंजन,BS4 इंजन और BS6 इंजन में क्या अंतर है,BS6 इंजन से क्या लाभ है आदि चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली होगी। अब आने वाले समय में करीबन 90 पर्सेंट से अधिक वाहनों में BS6 इंजन लगा होगा जिससे वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी और हमे साफ सुथरी हवा मिलेगी। BS4 इंजन के तुलना में तो BS6 इंजन महंगा है लेकिन इसके महंगाई पे न जाने के बजाय आपको इसमें उपयोग की गई टेक्नोलॉजी के बारे में जानना होगा। सबसे खास बात यह है की इसकी लाइफटाइम और एफिशिएंसी बहुत कमाल की मानी जा रही है।

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