NPA क्या है जानिए NPA का Full Form in Hindi

इस आर्टिकल में NPA क्या है जानिए NPA का Full Form in Hindi (What is NPA in Hindi) के बारे में जानकारी देने वाले हैं।

क्या आप जानते हैं NPA क्या होता हैं या फिर आप एनपीए के बारे में जानकारी जानना चाहते हैं तो आज हम आपको NPA KYA HOTA HAI एवं एनपीए का फुल फॉर्म (NPA FULL FORM IN HINDI) क्या होता हैं के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाले हैं। 

प्रिय पाठकों! NPA क्या है (NPA KYA HAI) पिछले बहुत समय से Non-performing Asset की खबरें चारो तरफ सुर्खियाँ में बनी हुई है Loan लेने के बाद हो रहे बड़े घोटाले के चलते हर व्यक्ति जानना चाहता है कि आखिर NPA क्या होता है। दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दू कि NPA के कारण से अनेक बैंकों की बैलेंस सीट डगमगाई हुई हैं तो ऐसे प्रश्न है कि आखिर ये NPA क्या क्या चीज है एवं इससे बैंक को कैसे घाटा उठाना पड़ रहा है।

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चलिए अब आपको एनपीए क्या होता हैं और बैंको में इसका क्या महत्व है।

NPA Full Form in Hindi

NPA का पूरा नाम हिंदी में “गैर-सुचना प्राप्ति” होता है, और इसका अंग्रेजी में पूरा नाम “Non-Performing Asset” होता है।

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NPA क्या होता है? What is NPA in Hindi

NPA (Non-Performing Asset) एक वित्तीय शब्द है जो वित्तीय संस्थानों और बैंकों के व्यवसायिक दुनिया में इस्तेमाल होता है। NPA वह ऋण या उधारण होता है जिसमें उधारण देने वाली संस्था को ऋणी द्वारा बकाया राशि की चुकता नहीं मिल रही है।

NPA को दो भागों में विभाजित किया जाता है —-

  1. संविदानिक NPA: जब कोई ऋणी अपने ऋण की चुकता को समय पर नहीं करता और बैंक के नियमों के अनुसार समय पर चुकता नहीं होने पर उस ऋण को NPA की श्रेणी में डाल दिया जाता है।
  2. गैर-संविदानिक NPA: यह वो ऋण होते हैं जिनमें ऋणी की साख बिगड़ चुकी है, लेकिन बैंक या वित्तीय संस्था ने उन्हें संविदानिक NPA की श्रेणी में नहीं डाला है।

NPA के होने से बैंकों को ऋणी की चुकता को वसूलने में परेशानी होती है और इससे उनकी वित्तीय स्थिति प्रभावित हो सकती है। बैंकों को आमतौर पर NPA को न्यूनतम करने के लिए कई कदम उठाने पड़ते हैं, जैसे कि ऋणी के साथ निपटान, ऋण की पुनर्विचारण, या ऋणी के संपत्ति का बेच देना।

NPA का पता लगाने और प्रबंधित करने के लिए बैंकों को नियमित अद्यतन ऋण संचित करना और ऋणी की वित्तीय स्थिति का पूरी तरह से मॉनिटर करना होता है।

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NPA का बैंकों पर क्या प्रभाव पड़ता है

NPA (Non-Performing Asset) बैंकों पर कई प्रभाव डालता है, जो उनके व्यवसायिक और वित्तीय प्रशासन पर आकर्षित होते हैं:

वित्तीय नुकसान: NPA बैंक की वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है क्योंकि इससे ऋण के रूप में बकाया पैसे नहीं आ रहे होते हैं। बैंकों को इसके परिणामस्वरूप अपने वित्तीय निवेशों को घटाने और कैपिटल को बढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है.

रिप्युटेशनल खतरा: NPA एक बैंक की छवि पर असर डाल सकता है और उसकी रिप्युटेशन को प्रभावित कर सकता है। यह बैंक के ग्राहकों के लिए भी आपवादिक हो सकता है.

वित्तीय स्थिति की खबरें: NPA की बढ़ती हुई दर और वित्तीय स्थिति की खबरें बाजार में नकारात्मक रूप से प्रभाव डाल सकती हैं, जिससे बैंक के शेयर मूल्यों को गिरावट का सामना करना पड़ सकता है.

ऋण ग्राहकों पर प्रभाव: बैंक NPA को नियमित रूप से प्रबंधित करने के लिए सख्त नीतियों को लागू कर सकते हैं, जिससे ऋण ग्राहकों को अधिक जोखिम उठाना पड़ सकता है और उनके लिए वित्तीय स्खलन का खतरा बढ़ सकता है।

ऋण वितरण में कमी: NPA के कारण, बैंक अकेले ऋण ग्राहकों के प्रति आपवादी नीतियों को लागू कर सकते हैं, जिससे ऋण वितरण में कमी हो सकती है, जिससे छोटे और मध्यम विचारकों के लिए ऋण की पहुंच कठिन हो सकती है।

इन प्रभावों के साथ, सरकार और वित्तीय निगरानी प्राधिकरण भी NPA को निगरानी करते हैं और उसे कम करने के उपायों का सुझाव देते हैं ताकि बैंकों की स्थिति सुधार सके।

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NPA के फायदे और नुकसान 

NPA (Non-Performing Asset) के फायदे और नुकसान निम्नलिखित हैं:

फायदे (Advantages of NPA) —–>

ऋण की सफाई: NPA के व्यवस्थापन के माध्यम से, बैंक ऋणों को जांचते हैं और डिफॉल्ट कर चुके ऋणों को पहचानते हैं। यह उन ऋणीओं को दर्ज करने में मदद करता है जिनकी साख बिगड़ चुकी है और जो ऋण के साथ समय पर समर्थन नहीं कर सकते हैं।

ऋण की पुनर्चुकता: NPA के बाद, बैंक ऋणी के साथ संवाद करके एक ऋण की पुनर्चुकता की योजना बना सकता है, जिसका उद्देश्य ऋण की पुनर्चुकता करना होता है। यह उधारण देने वाले को फिर से ऋण देने का मौका देता है और बैंक को बकाया राशि प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

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नुकसान (Disadvantages of NPA) —–>

वित्तीय नुकसान: NPA बैंक की वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि बैंक उधारण के रूप में बकाया पैसे नहीं प्राप्त करता है, जिससे उसका पूंजी घट सकता है और लाभ कम हो सकता है।

रिप्युटेशनल खतरा: NPA की बढ़ती हुई दर बैंक की रिप्युटेशन को प्रभावित कर सकती है और ग्राहकों के लिए आपवादिक हो सकती है।

ऋण वितरण में कमी: NPA के कारण, बैंक अकेले ऋण ग्राहकों के प्रति आपवादी नीतियों को लागू कर सकते हैं, जिससे ऋण वितरण में कमी हो सकती है, जिससे छोटे और मध्यम विचारकों के लिए ऋण की पहुंच कठिन हो सकती है।

बाजार भावनाओं पर प्रभाव: NPA की बढ़ती हुई दर और वित्तीय स्थिति की खबरें बाजार में नकारात्मक रूप से प्रभाव डाल सकती हैं, जिससे बैंक के शेयर मूल्यों को गिरावट का सामना करना पड़ सकता है।

NPA के फायदे और नुकसान बैंकों की वित्तीय स्थिति, ऋण ग्राहकों, और बाजार पर प्रभाव डाल सकते हैं, और इसलिए उन्हें ध्यान से प्रबंधित करना होता है।

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Conclusion – 

NPA क्या है? NPA Ka Full Form Kya Hota Hai लेख आप लोगों को जरूर ही अच्छा लगा होगा ऐसा हमारा भरोसा है। एनपीएस संबंधित अगर आपका कोई अन्य प्रश्न हो जो आपको समझ में नहीं आ रहा हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं ताकि आपको एनपीए क्या होता है के बारे में और अच्छे से विस्तार से समझ सके। 

एनपीए के बारे में जानकारी को आप अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से सभी मित्रों और रिश्तेदारों को शेयर करें ताकि उनका भी नॉलेज बड़े और यह जानकारी से अवगत हो पाए।

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