DNA की खोज किसने की और कब?

DNA Ki Khoj Kiske Dwara Aur Kab Hui Thi क्या आपको मालूम है यदि नही जानते कि DNA की खोज किसके द्वारा हुई थी या DNA की खोज कब हुई थी, तो आज एक सही पोस्ट पढ़ रहे हैं। आज हम आपको DNA Ka Avishkar Kisne Kiya Aur Kab से जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर देंगे जैसे कि DNA Kya Hai, DNA टेस्ट कब और किसका किया जाता है और DNA Ka फुल फॉर्म हिंदी में और DNA का संपूर्ण इतिहास आदि। इसके अतरिक्त DNA का अविष्कारक साइंटिस्ट के बारे में भी बताया गया है।

अब चलिए जानते हैं DNA की खोज, आविष्कार और DNA के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में।

डीएनए क्या है ? What is DNA? 

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DNA या डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic Acid) एक सर्पिल के साइज का जोड़ होता है जो एक साथ मजबूती से अटैच होता है। यह चार आधारों से बने केमिकल कंपोनेंट का एक माला होता है – एडीनीन (Adenine ), साइटोसीन (Cytosine), गुएनिन (Guanine) और थाइमिन (Thymine), जिनमें Nitrogen भी होता है। यह Bases की अनुक्रमणिका उन आनुवंशिक (Genetic) जानकारी को निर्धारित करती है जो इसमें स्टोर्ड होती है। इस तरह, यह क्रम बालों के कलर, त्वचा, नाक के साइज और अन्य विशेषताओं जैसे लक्षणों को भी निर्धारित करता है।

इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से देखने पर, DNA एक सीढ़ी की भांति प्रतीत होता है और जिस प्रकार स्प्रिंग की तरह मुड़ा होता है। यह दो स्ट्रैंड्स (Strands) से मिलकर बना होता है जो एक साथ व्यवस्थित होते हैं और एक विशेष तरीके से बनाए जाते हैं। इन दोनों स्ट्रैंड्स के संगठन को “DNA Double Helix” के नाम से जाना जाता है।

DNA की खोज किसने की और कब हुई ?

डीएनए की खोज जेम्स वाटसन और फ्रांसिस क्रिक नाम के वैज्ञानिको ने साल 1953 में की थी। ये दोनों British वैज्ञानिक थे और इन्होंने DNA के खोज के लिए वर्ष 1963 में नोबेल अवार्ड्स जीता था। इन लोगों ने एक तरह की फिल्म बनाई जिसमें वे दिखाते हैं कि डीएनए किस प्रकार दो लड़ाई रेखाओं में बांटता हुआ होता है। उन्होंने अपने रिसर्च के लिए एक जुट होकर काम करते हुए Franklin and Wilkins के साथ भी काम किया था। इस रिसर्च से Genetic Engineering और Biotechnology जैसी तकनीकों का विकास हुआ।।

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DNA Ka Full Form in Hindi में

DNA का फुल फॉर्म या पूरा नाम “डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड” (Deoxyribonucleic Acid) है।

DNA किससे बना होता है?

डीएनए जीवों या सजीवों के रक्त, बाल और नाखूनों, मांसपेशियों, फूलों और अन्य संरचनाओं में पाया जाता है। सभी जीव जंतु की डीएनए अन्य जीवों से थोड़ी अलग पाई जाती है जिससे उन जीवों कि विशिष्ट विशेषताएं होती हैं।

DNA Test का क्या मतलब है? यह कब क्यों और कैसे किया जाता है?

DNA Test एक विशेष तरह का Test होता है जो DNA में मौजूद स्पेशल सृजनों(Creations) या जीनों (Genes) को खोजने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट कोई भी संबंधित बीमारी की जांच के लिए किया जा सकता है या फिर आभासी पिता या माता की इन्वेस्टिगेशन या फिर अन्य नाजुक मामलों में जहां Genetic जानकारी की जरूरत होती है। इसके लिए Genes के फिंगरप्रिंट के समान स्पेशल सृजनों को सर्च किया जाता है।

DNA से जुड़े रोचक फैक्ट्स

• एक मनुष्य का DNA, यदि एक साथ रखा जाए तो करीबन 6 फीट लंबा होता है, लेकिन हकीकत में यह बहुत सूक्ष्म (Mirco) होता है जिसे आसानी से नहीं देखा जा सकता।

• करीबन सभी जीवों का डीएनए एक ही तरह से निर्मित होता है और करीबन 99.9% एक समान या बराबर होता है।

• मॉडर्न DNA Testing तकनीक आपको आपकी जन्म के मूल जगह के विषय में बता सकती है।

• मित्रों, यदि हम शरीर की सभी कोशिकाओं (Cells) से DNA को हटा कर एक लंबाई में तैयार करे तो यह धरती से सूरज तक और सूरज से धरती तक 600 बार ट्रैवल कर सकता है।

• हमारे पेरेंट्स का DNA हमसे 99.5% एक जैसा होता है। हमारा डीएनए चिंपैंजी के समान 98% और केले के जैसे 50 % है।

• डीएनए के एक छोटे से हिस्से को Gene कहा जाता है और जीनोम (Genome) के अनुक्रम को जीनोम बोला जाता है। Genome में ही सभी आनुवंशिक निर्देशों को Code के रूप में रिकॉर्ड किया जाता है।

• अगर आप प्रति मिनट 60 Word, प्रतिदिन 8 घंटे Type करते हैं, तो आपको पूरे मानव जीनोम को Type करने में करीबन 50 वर्ष लगेंगे।

DNA का इतिहास

डीएनए का इतिहास बहुत प्राचीन है। परंतु जीनेटिक अध्ययन के शुरुआत को 19th Century में गिना जाता है, जब Gregor Johann Mendel ने Mattio Fako के साथ चीजों के जन्म और आने वाली पीढ़ियों का स्टडी किया था।

DNA का पता लगाने के लिए पूर्व से ही अनुभव किया जा रहा था, परंतु सर्वप्रथम इसे ज्योलर (Jeweler) में से प्राप्त किया गया था। यह वर्ष 1869 में जॉहन्स मीशर (Johannes Miescher) द्वारा किया गया था।

साल 1902 में Walter Sutton ने DNA के एक ग्रुप या समूह को वर्णित किया था, जिसे बाद में नुक्लियोटाइड (Nucleotide) कहा गया। DNA का बड़ा खुलासा साल 1944 में हुआ था, जब Austin and Maxwell Wilson ने अपने एक्सपेरिमेंट्स के माध्यम से DNA का महत्व स्पष्ट किया।

वॉटसन और क्रिक ने DNA का स्ट्रक्चर मालूम लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण खोज की थी, जिसे वे “एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी ( X-ray Crystallography) कहते थे। इस खोज में, वे Nucleotide Molecule के आधार पर DNA की संरचना को तय करने के लिए Photographic फिल्म का इस्तेमाल करते थे।

उनको अपनी खोज के बेसिस पर मालूम था कि DNA एक लचीली लटकने वाली डोहरी है, जिसमें दो नितंब एक-दूसरे के साथ आसानी से अटैच होते हैं। वे DNA के दो नितंबों की टेबल तैयार करने में सक्सेस रहे, जिसमें वे इसके स्ट्रक्चर के बारे में जाने जाने वाले कारक को शामिल करते हुए DNA की संरचना को “Double Helix” के रूप में डिस्क्राइब करते हुए DNA की संरचना को दर्शाते हैं।

इसके पश्चात, वॉटसन और क्रिक ने DNA के डबल तरंगों के जरिए से Genome को कैसे ऑपरेट किया जाता है उसके बारे में संपूर्ण अध्ययन किया।

Watson और Crick ने DNA के दोहरी तरंगों के जरिए Genome को संचालित करने के लिए तीन प्रकार के Phases के विकास के बारे में भी स्टडी किया। इन Phases में Genome के अलग-अलग भागों में अलग-अलग क्वालिटी होते हैं, जो उन्हें ऑपरेट करते हैं।

वे वैज्ञानिक यह भी जानते थे कि Genome में एक निश्चित श्रृंखलाबद्धता होती है, जिससे जीनोम के विभिन्न भागों में Genes का निश्चित क्रम बना रहता है। इसके पश्चात, वे इस प्रोसेस के बारे में ज्यादा जानने के लिए जन्मजात विरोधकता के विषय में स्टडी करने लगे जो उन्हें डिटेल जानकारी प्रदान करती है कि Genome का संरचना (Structure) कैसे होता है।

निष्कर्ष –

DNA Ki Khoj Kab Hui और DNA Ka Avishkar Kisne Aur Kab Kiya लेख आपको जरूर पसंद आया होगा। यदि आपको DNA की खोज किस साइंटिस्ट ने और कब की थी जानकारी से जुड़े आपके पास किसी भी प्रकार का सुझाव या सवाल हो तो हमे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बताए ताकि हम आपको और बेहतर तरीके से DNA के बारे में (DNA Kya Hai) बेहतर से बता सके।

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